मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2023 | एमपी फसल विविधीकरण योजना 2023 | प्रोत्साहन योजना | फसल विविधीकरण क्या है | मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के उद्देश्य एवं लाभ
नमस्कार दोस्तों, भारत में बड़े पैमाने पर कृषि की जाती है। यहां हजारों सालों से विभिन्न फसलों की खेती की जाती है। देश की आजादी के बाद मुख्यता खाद्य व नकदी फसलों पर जोर दिया गया। 1960 के दशक में भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या के भरण-पोषण के लिए हमें बहुत से खाद्यान्नों का आयात करना पड़ा था इसलिए सरकार द्वारा हरित क्रांति को अपनाया गया।
हरित क्रांति की सफलता में आधुनिक मशीनों, रसायनिक खादो इत्यादि का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया था जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति को धीरे-धीरे काफी नुकसान होने लगा। 1990 के दशक के बाद देश में तीन फसलों की मुख्यता बड़े पैमाने पर खेती की जाने लगी इनमें धान, गेहूं एवं गन्ना शामिल हैं। इन फसलों को उगाने के लिए बड़ी मात्रा में रासायनिक उर्वरक एवं पानी की आवश्यकता होती है इसलिए देश में जल संकट एवं भूमि के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं खड़ी होने लगी। किसानों द्वारा देश में फसल विविधीकरण को एकदम से ही भुला दिया गया था।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2023 लागू करने का फैसला किया गया है। एमपी फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना से मध्य प्रदेश में खेती- बाड़ी में आमूलचूल परिवर्तन होंगे। मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2023 की जानकारी जैसे- एमपी प्रोत्साहन योजना क्या है। यह योजना कैसे कार्य करेगी। मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के लाभ एवं उद्देश्य क्या होंगे, आदि की जानकारी के लिए कृपया इस मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2023 को अंत तक अवश्य पढ़ें। यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री विद्युत बिलों राहत योजना 2022
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए ‘प्रोत्साहन योजना’ 2023
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान द्वारा कैबिनेट की बैठक में भूमि की गुणवत्ता सुधारने के लिए मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2023 लागू करने का फैसला लिया गया है। इस फैसले को एमपी में खेती में बड़े बदलावों के रूप में देखा जा रहा है। अब सरकार फसल विविधीकरण (crop Diversitification) पर ध्यान केंद्रित करेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गेहूं एवं धान के उत्पादन में वृद्धि, एमएसपी (MSP) पर लागत खर्च में वृद्धि हो रही है फसलों के विविधीकरण न होने से पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। इसी समस्या से निपटने के लिए मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना लागू की है । प्रोत्साहन योजना के माध्यम से गेहूं एवं धान के स्थान पर बोई जाने वाली गैर एमएसपी की फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा इससे केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्भरता घटेगी। यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री उद्धम क्रांति योजना 2022
संक्षेप में प्रोत्साहन योजना-
योजना | मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2023 |
उद्देश्य | फसल चक्र को अपनाना एवं गैर एमएसपी फसलों को बढ़ावा देना |
लाभ | भूमि उर्वरा शक्ति बढ़ेगी एवं किसानों की आय में वृद्धि होगी |
साल | 2023 |
शुरुआत | मध्य प्रदेश सरकार द्वारा |
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2023 कैसे करेगी कार्य-
मध्य प्रदेश में धान एवं गेहूं की खेती पर किसान ज्यादा जोर दे रहे हैं। इससे भूमि की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। धान एवं गेहूं की खेती के लिए वह जमकर रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। प्रोत्साहन योजना के माध्यम से किसानों को फसल विविधीकरण के महत्व एवं विशेषताओं को बताया जाएगा एवं उन्हें धान तथा गेहूं को छोड़कर अन्य फसलों को उगाने के लिए फसल प्रोत्साहन दिया जाएगा। वह इनके स्थान पर मक्का-गेहूं , मक्का-मूंग-गेहूं, गेहूं-सरसों, अरहर-गेहूं-मूंग, अरहर-गेहूं , बाजरा इत्यादि फसल चक्र अपना सकते हैं।
एमपी फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के लिए सरकारी मदद-
एमपी फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना को सफल बनाने के लिए सरकार की तरफ से मध्य प्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा। इस बोर्ड में 17 सदस्य शामिल होंगे। इस विकास बोर्ड का कार्य किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए उत्साहित करना, उन्हें मदद देना, वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस बोर्ड की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में उच्च निकाय एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स को बनाया जाएगा। बोर्ड के राज्य परियोजना अधिकारी अपर मुख्य सचिव होंगे, किसान कल्याण कार्यकारी संचालक आदि भी इस बोर्ड में शामिल होंगे।
फसल विविधीकरण-
धान- गेहूं के पारंपरिक खेती के लगातार करने तथा उनमे बड़ी मात्रा में रसायनिक खादों के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो रही है। रसायनिक खादों के प्रयोग से मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव जो फसलों के लिए लाभदायक होते हैं, भी नष्ट होते जा रहे हैं, तथा इन फसलो के खाद्यान्नों को खाकर पशु, मनुष्य भी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। धान – गेहूं की पराली जलाने से पर्यावरण नुकसान भी होता है। इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए फसल चक्र अथवा फसल विविधीकरण को अपनाना परम आवश्यक है। फसल चक्र में फसलों को बदल- बदल कर बोया जाता है जैसे- धान- गेहूं के स्थान पर एक साथ मक्का-गेहूं, आलू-सरसों, गेहूं-सरसों, अरहर-गेहूं को उगाया जाता है। फसल चक्र अपनाने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। उस में नाइट्रोजन,फास्फोरस एवं पोटेशियम की मात्रा भी बढ़ती है तथा किसान भी एक साथ कई फसल उगा कर कर अधिक अनाज का उत्पादन कर सकते हैं।
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मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2023 का उद्देश्य-
राज्य की बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्य आपूर्ति को पूरा करने के लिए कृषि में रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग किया गया है। रासायनिक फर्टिलाइजर के प्रयोग से खाद्यान्न उत्पादन तो बढा है लेकिन उसके गुणवत्ता भी खराब हुई है। पर्यावरण नुकसान की दृष्टि से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व नष्ट होना, उसमें उपस्थित सूक्ष्मजीव आदि का नष्ट होना, भूमि क्षरण होना, लवणता का बढ़ना, जल प्रदूषण होना आदि शामिल हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य भूमि में रसायनिक खादों के प्रयोग को कम करना, फसल चक्र अपनाना,.गैर एमएसपी फसलों को अपनाना एवं प्राकृतिक की खेती को बढ़ावा देना है।
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मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2023 के लाभ-
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में कृषि में नए परिवर्तन लाने के लिए एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने तथा फसल विविधीकरण को अपनाने के लिए मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2022 लागू की है। प्रोत्साहन योजना 2023 के लाभ निम्नलिखित हैं-
- एमपी फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2022 के सफल होने से रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहेगी एवं पर्यावरण संरक्षण भी होगा।
- भूमि में रसायनिक खादों के प्रयोग से जल प्रदूषण बढ़ता है तथा मिट्टी में लवणता की मात्रा भी बढ़ जाती है इससे भूमि का स्वास्थ्य भी खराब हो जाता है लेकिन प्रोत्साहन योजना के माध्यम से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी एवं लवणता भी कम होगी।
- फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से गैर एमएसपी फसलों के उत्पादन से कृषि लागत मूल्य घटेगा, टिकाऊ खेती संभव होगी, तथा अन्य फसलों जैसे दलहन- तिलहन के अधिक उत्पादन से इनके आयात पर निर्भरता कम होगी।
- मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के विशेषता यह भी है कि किसान अब एक साथ कई फसलें उगा कर अधिक उत्पादन कर सकेंगे तथा प्राकृतिक खेती करने से रसायनिक खादों के पर निर्भरता कम होगी। जिससे किसानों को आर्थिक बचत भी होगी।
- मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2022 में फसल चक्र अपनाने से मिट्टी में पोषक तत्व, फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा जैविक कीटों को बढ़ावा मिलेगा एवं कम सिंचाई वाली फसलों जैसे बाजरा आदि को बढ़ावा देने से जल संकट से भी छुटकारा प्राप्त होगा।
- राज्य के नागरिक रसायन युक्त खाद्य पदार्थ खाकर अपने स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं । कैंसर जैसे गंभीर रोग हो रहे हैं । प्राकृतिक खेती इन सब बीमारियों से छुटकारा दिलाने में सहायता करेगी।
- एमपी फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना अपनाने से छोटी जोत वाले किसान भी एक साथ कई फसलें करके उत्पादन बढ़ाकर आर्थिक लाभ कमा सकते हैं।
मूल्यांकन-
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरणके लिए प्रोत्साहन योजना 2023 के सफल क्रियान्वयन होने से राज्य में बढ़ती हुई कृषि लागत, रसायनिक खादो पर निर्भरता मे कमी, जल की कमी आदि को दूर किया जा सकता है। प्रोत्साहन योजना के माध्यम से भूमि की गुणवत्ता सुधरेगी एवं किसानों की आय भी बढ़ाने में मदद मिलेगी। अतः एमपी फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का सही से क्रियान्वयन हो तो यह कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव की वाहक बनेगी।
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FAQ-
प्रश्न- मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना 2023 क्या है
उत्तर- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गैर एमएसपी फसलों को बढ़ावा देना एवं प्राकृतिक खेती कराने के लिए यह योजना शुरू की गई है फसल विविधीकरण से भूमि की गुणवत्ता में सुधार होगा।
प्रश्न- एमपी फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य क्या है
उत्तर- राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने फसल चक्र को अपनाने एवं भूमि की उर्वरता को बनाए रखने के उद्देश्य से प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है।
प्रश्न -एमपी फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के लाभ क्या है
उत्तर-इस योजना के माध्यम से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होगा, छोटी जोत वाले किसान कई फसलों को उगाकर आर्थिक लाभ कमा सकते हैं, भूमि में लवणता कम होगी एवं पर्यावरण हानि भी कम होगी आदि।
प्रश्न- फसल विविधीकरण क्या होता है
उत्तर- पारंपरिक खेती के स्थान पर फसलों को बदल- बदल कर करने को ही फसल चक्र या फसल विविधीकरण कहते हैं।
प्रश्न- मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना में कौन-कौन सी फसलों को प्रोत्साहन दिया जाएगा
उत्तर- इस योजना के माध्यम से धान एवं गेहूं के स्थान पर गैर एमएसपी फसलों तथा अरहर, मूंग, बाजरा, जौं आदि को बढ़ावा दिया जाएगा।
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